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Saturday 24 March 2018

जीवनी सन्दीप महेस्वरि

Sandeep Maheshwari भारत के टॉप Entrepreneur की लिस्ट में हैं। संदीप महेश्वरी भारत के सबसे तेज़ उन्नति और सफलता प्राप्त करने वाले उद्यमी व्यक्तियों में गिने जाते हैं। वे Imagesbazaar.com के Founder और CEO हैं जो की भारतीय चीजों और लोगों से जुडी हुई चित्रों और फोटो का सबसे बड़ा ऑनलाइन संग्रह है।
इस वेबसाइट में 1 लाख से भी ज्यादा भारतीय मॉडलों के फोटो का संग्रह है और इस वेबसाइट के नेटवर्क के साथ 11 हज़ार से ज्यादा फोटोग्राफर जुड़े हुए हैं। बहुत ही कम मेहनत और अपने दिमाग के बल पर जल्द से जल्द सफलता पाने के कारण उन्हें दूसरे उद्यमी व्यक्तियों से अलग माना जाता है। साथ ही वे अपने प्रेरणादायक “मुफ्त के जिंदगी बदल देने वाले सेमिनार” के कारण बहुत ही मशहूर हैं जिससे वे देश विदेश के जगह-जगह जा कर लोगों को प्रेरित करते हैं और प्रेरणा स्रोत बनते हैं।
अभी संदीप महेश्वरी का उम्र 32 वर्ष है (2015 में)। उन्होंने अपनी कॉलेज की पढाई अधूरी छोड़ दी। वे किरोरी मॉल कॉलेज जो कि दिल्ली उनिवेर्स्टी से जूडा हुआ है उसमें अपनी “बैचलर इन कॉमर्स” की पढाई कर रहे थे परन्तु कुछ निजी कारणों से वे आधी पूरी ना कर सके और उन्हें अपनी कॉमर्स की पढ़ी आधा में ही छोड़ना पड़ा।
उन्हें  फोटोग्राफी करने का बहुत इच्छा था इसलिए उन्होंने वर्ष 2000 में फोटोग्राफी(Sandeep Maheshwari Photography) प्रोफेशन शुरू किया। उन्होंने बहुत सारे दुसरे कंपनियों और लोगों के लिए फ्रीलांसर फोटोग्राफी भी किया। वर्ष 2001 में वे कई मार्केटिंग एजेंसी के साथ जुड़े और काम किया। साल 2002 में अपने 3 करीबी दोस्तों के साथ उन्होंने एक नया कंपनी भी खोला पर वह 6 महीने से ज्यादा नहीं चला और उन्हें वह बंद करना पड़ा।

संदीप महेश्वरी का परिवार एल्युमीनियम के व्यापार से जुडा हुआ था। संदीप महेश्वरी नें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत कुछ तरी किया। उन्होंने MLM मल्टी लेवल मार्केटिंग की कंपनी में काम किया जिसमे घरेलु चीजों को बनाना और बेचना होता था।

बाद में किरोरिमल कॉलेज से अपने B.Com के तीसरे वर्ष में ड्राप आउट होने के बाद उन्हें मॉडलिंग की दुनिया में रूचि और दिलचस्पी बढ़ी। जब उन्होंने मॉडल लोगों के संगर्ष को और उन पर होने वाले दुर्व्यभार को तो उन्होंने कसम खाई की वह इस चीज को जरूर बदलेंगे और जरूरत मंद मॉडलों की मदद भी करेंगे।
साल 2002 में अपने 3 मित्रों के साथ उन्होंने एक कंपनी शुरू किया जो जल्दी 6 महीने में बंद हो गया। उन्होंने तब भी हार नहीं माना क्योंकि वे जानते थे की हार खा-खा कर अब उन्हें सफलता का रास्ता मिल चूका था।
साल 2003 में, एक संघर्ष्पूर्ण काम में उन्होंने कुल 122 मॉडल के 10000 फोटो शॉट्स लिए वो भी मात्र 10 घंटे 45 मिनट में लिया जो की विश्व रिकॉर्ड बन गया। ये उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण पल था। इसके बाद वे नहीं रुके और अपने फोटोग्राफी के प्रोफेशन को आगे बढ़ाते चले गए।

साल 2006 में, 26 साल की उम्र में उन्होंने ImagesBazaar लांच किया। ImagesBazaar में Indian Photos का 1Million से भी ज्यादा कलेक्शन है।
आज के दिन में ImagesBazaar के 7000 से भी ज्यादा क्लाइंट्स हैं वो भी 45 अलग-अलग देशों से। उन्होंने स्वयं को अपने खुद के दम पर सफल बनाया और मॉडलिंग की दुनिया को ऑनलाइन लोगों के सामने रखा।
एक सफल उद्यमी के साथ-साथ वे दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए, एक सफलता स्रोत भी हैं, एक गुरु भी हैं और युवाओं के लिए आदर्श भी हैं। लोग संदीप महेश्वरी जी को दिल से चाहते हैं उनके महान मिशन, हर किसी व्यक्ति को अपने अन्दर विश्वास रखने और लोगों की मदद करने के द्वारा उनकी जिंदगी को आसान बनाने के लिए। उनका कहना है जीवन में कुछ भी मुश्किल नहीं, सब कुछ आसान हैं।



सफलता के बारे में प्रेम सुख डेलू की जुबानी

'समस्याएं जिंदगी भर रहेंगी। हिम्मत हारने की जरूरत नहीं है। ईमानदारी से प्रयास करते रहें। अपना शत-प्रतिशत झौंक दें। आपका सफल होना तय है।Ó यह कहना है संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2015 में 170वीं रैंक के साथ चयनित हुए बीकानेर के रासीसर गांव के निवासी प्रेमसुख डेलू का।
'समस्याएं जिंदगी भर रहेंगी। हिम्मत हारने की जरूरत नहीं है। ईमानदारी से प्रयास करते रहें। अपना शत-प्रतिशत झौंक दें। आपका सफल होना तय है।


Ó यह कहना है संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2015 में 170वीं रैंक के साथ चयनित हुए बीकानेर के रासीसर गांव के निवासी प्रेमसुख डेलू का।


 डेलू शुक्रवार को सूचना केन्द्र सभागार में पाठकों को सफलता के टिप्स बता रहे थे। उन्होंने कहा कि सफल होने के लिए छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आप जिस संस्था की परीक्षा दे रहे हैं, उसके पैपर पेटर्न की जानकारी आपको होनी चाहिए। उसके पुराने पेपर्स आपके पास रहें। 


बेतरतीब किताबें पढऩे की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्र प्रतिदिन पढऩे चाहिए। इनके राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय समाचारों के अलावा खेल, सम्पादकीय और विविध खबरों की जानकारी होनी जरूरी है।

रहें 'टेंशन फ्रीÓ
उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान 'टेंशन फ्रीÓ रहें। प्रश्न और उनके विकल्पों को सावधानी से पढं़े।  उन्होंने विद्यार्थियों को सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना की सीख दी।

डेलू का सम्मान आज
अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा में अखिल भारत स्तर पर 170वीं रैंक हासिल कर बीकानेर के प्रेमसुख डेलू का शनिवार सुबह 10 बजे कृषि मंडी स्थित किसान भवन सभागार में सम्मान समारोह होगा। 


पुलिस उपनिरीक्षक राजाराम लेघा ने बताया कि समारोह में डेलू सेवा में अपने चयन को लेकर अनुभव बताएंगे।

तय किया पटवारी से आइएएस तक का सफर
3 अप्रैल 1988 को जन्मे डेलू ने बताया कि उन्होंने बारहवीं कक्षा की शिक्षा चौपड़ा स्कूल से तथा बाद में एमए इतिहास की परीक्षा राजकीय डूंगर कॉलेज से दी। सबसे पहले पटवारी परीक्षा में चयनित हुए। 


फिर सहायक जेलर और वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा में राजस्थान टॉप किया। इसके बाद स्कूल व्याख्याता और वर्ष 2012 में आरएएस में चयन हुआ। उन्होंने नेट जेआरएफ और सेट की परीक्षा में भी सफलता प्राप्त की। 


 वे वर्तमान में अजमेर में तहसीलदार पद का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय तथा सूचना केन्द्र के पाठकों द्वारा उनका अभिनंदन किया गया। 

Youtube पर बिना वीडियो बनाये भी आप कमा सकते है हजारों रूपये, जानिये कैसे

दोस्तों, YouTube Par Video Upload Karke Paise kaise Kamate hai. इसके बारे में सभी को पता है| But आज मै  YouTube के Amazing Trick के बारे में बताने वाला हूँ| जिसके Help से YouTube par Legally Dusare Ka Video upload करके पैसे कमा सकते है|

शायद सुनने में आपको मजाक लग रहा हो, की ऐसा कैसे हो सकता है| But जब आप इस Trick को देख्नेगे तो आप भी कहेंगे, यह हो सकता है. हम YouTube par legally Dusare Ka Video upload करके  Monetize कर सकते है|
आज कल हर कोई चाहता है, की उसका भी एक YouTube Channel हो और वो पैसा कमाए| लेकिन हर किसी के साथ ऐसा नहीं हो पता है, क्योकि  YouTube पर Video बना कर Upload करने के लिए  बहुत से चीजों की जरुरत होता है| जो सभी के पास नहीं होता है. जैसे की…
ऐसे में अगर आप चाहते हो, की आपको Video भी ना बनाना पड़े और आप YouTube पर Video upload करके पैसे भी कमा ले, तो आप सही जगह  हो. बस इसके लिए आपके पास केवल 2 चीज़े होनी चाहिए.
  1. Laptop
  2. Internet
अगर आपके पास ये दोनों चीज़े है, तो आप बहुत आसानी से YouTube par Dusare Ka Video Upload करके पैसे कमा सकते है| बस इसके लिए आपको यह आर्टिकल पूरा अच्छे  से पढना होगा. और इसमें जैसा बताया गया है आपको वैसा करना होगा| तो चलिए देखते है..

YouTube Par Legally Dusare Ka Video Upload Karke Paise Kaise Kamaye:

दोस्तों, ऐसा नहीं है की आप YouTube के सभी Videos को Legally Upload कर सकते है| जिन Videos पर YouTube Standard License का use हुआ, आप उनको Legally Upload नहीं कर सकते है|
जैसे आप Standard YouTube License वाले Videos को download करके अपने चैनल पर upload करेंगे | तो तुरंत उन Videos पर Copyright लग जायेगा और आपको उनका पैसा नहीं मिलेगा|  इसके साथ जिनके Videos आप  अपने चैनल पर upload किये है, वो आप के उपर Cyber Law के तहत Case भी कर सकते है|
आप केवल Free License Videos को ही अपने चैनल पर upload करके Legal तरीके से पैसा कमा सकते है|
 अब आप सोच रहे होंगे, की कैसे पता चलेगा Videos पर  Standard YouTube License है या  Free License है,
इसके लिए आप किसी भी YouTube Video को open करे, और “Show More” option पर click करे. यहाँ पर आप सबसे नीचे “License Option” पर जाये|
  • अगर License के सामने लिखा है “Standard YouTube License” तो इसका मतलब इस Video पर Copyright है और आप इसे अपने चैनल पर upload नहीं कर सकते है|
Standard YouTube License
  • अगर License से सामने लिखा है “Creative Commons Attribution (Reuse Allowed)” तो इसका मतलब यह Free License Video है और आप इसे अपने चैनल पर Legally upload करके पैसे कमा सकते है|
free reused License
लेकिन ऐसे आप YouTube पर एक-एक Video को open करके तो  Check नहीं कर सकते है, की कौन से Video पर  Free License है और कौन Standard YouTube License.
तो ऐसे  में आप नीचे दिए गये स्टेप को follow करके एक साथ सभी Free License विडियो को Search कर सकते है|

स्टेप 1:

सबसे पहले Laptop में YouTube Website को open करे
(नोट– इस Trick को आप YouTube App में use नहीं कर सकते है)

स्टेप 2:

अब आपको जिस भी Topic पर Video Upload करना है, उससे Related Videos Search करे. (For example– Funny Videos).
search videos

स्टेप 3:

अब आप  Search Bar के नीचे दिए गए “Filters” Button पर click करे.
filters

स्टेप 4:

Filters में आपको बहुत से Option मिलेंगे, आप उस option में से “Creative Commons” पर click करे|
click on Creative Commons

स्टेप 5:

Creative Commons के आपको जितने भी Videos मिलेंगे, यह सब Free License YouTube Videos है| इनको download करके आप अपने चैनल पर upload करके पैसे कमा सकते है|
Free License Video
क्योकि इन सभी videos के Publisher ने “Reuse Allowed” किया है, इसलिए इन Videos पर Copyright Claim नहीं हो सकता है|
free reused License

Conclsion:

दोस्तों, इस पोस्ट में बताया गया है की कैसे आप YouTube Par Legally Dusare Ka Video Upload करके पैसे कमा सकते है| यह बहुत ही अच्छा तरीका बिना विडियो बनाये पैसे कमाने के लिए, इसमें कोई Risk भी नहीं, क्योकि अगर आप Free License Video को upload करते है, तो आपके उपर Copyright Claim भी नहीं कर सकता है| उम्मीद यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा और आपके लिए Helpful रहा होगा| अगर आपके पास इस पोस्ट के बारे में कोई भी सुझाव या विचार है| तो आप हमें comment जरुर करे.

अवचेतन मन की शक्ति

Welcome

कैसे करें अवचेतन मन का उपयोग, अध्यात्म डॉ. एन. के. शर्मा

अवचेतन मन के काम करने के दो मुख्य नियम होते हैं। दोहराने से हर चीज अवचेतन मन का हिस्सा (आदत) बन जाती है। अवचेतन मन सच और कल्पना में अंतर नहीं करता। इन दो नियमों के आधार पर अब हम अपने जीवन में आदतों में जैसा चाहें बदलाव ला सकते हैं, नए गुण डाल सकते हैं, असंभव कार्य कर सकते हैं, अपना स्वभाव बदल सकते हैं। पूरी तरह निश्चित कीजिए कि आप कैसा बदलाव चाहते हैं। असमंजसता मानव मस्तिष्क की कमजोरी है, आदत है। जब हम बदलाव चाहते हैं तब अनेक प्रकार के विचार एक साथ चलने लग जाते हैं। कोई भी विचार या निष्कर्ष शक्तिशाली और निश्चित नहीं होने के कारण अवचेतन मन को प्रभावित नहीं कर पाता है, इसलिए बैठकर सोचिए कि आप क्या वास्तविक बदलाव अपने जीवन में चाहते हैं, उसे एक पेपर पर लिखें। संकल्प वर्तमान में लिखें भविष्य में नहीं। जो भी संकल्प आप लिखना चाहते हैं, उसे वर्तमान वाक्य में लिखें। मान लीजिए, आप में आत्मविास की कमी है तो वर्तमान में लिखें कि मैं आत्मविास से परिपूर्ण हूं। स्मरण शक्ति कमजोर है तो लिखें- मेरी स्मरण शक्ति बहुत तेज है। कमजोर अनुभव करते हैं तो लिखें कि मैं स्वस्थ व ऊर्जावान हूं। सुबह जल्दी नहीं उठते हैं तो लिखें कि मैं सुबह ठीक पांच बजे उठ जाता हूं और अपने सारे काम समय से निबटाता हूं। इस तरह न लिखें कि ‘हे ईर मेरा आत्मविास बढ़ाओ या स्मरण शक्ति तेज कर दो या मुझे शक्ति दो!’ ये वाक्य भविष्य के हैं, वर्तमान के नहीं। अवचेतन मन भविष्य के शब्द को, भविष्य की तरह लेता है। आप इस वाक्य में अवचेतन मन में ये शब्द और कल्पना का संदेश दे रहे हैं कि मेरे भीतर आत्मविास नहीं है, मेरी स्मरण शक्ति कमजोर है। इससे गलत प्रोग्रामिंग हो जाएगी और आपकी स्मरण शक्ति हमेशा भविष्य में तेज होती रहेगी, वर्तमान में नहीं होगी। अगर आप कल्पना में यह दृश्य बनाते हैं कि आप उस अवस्था को प्राप्त कर चुके हैं और आप वैसे ही हो चुके हैं, जैसा आप चाहते हैं तो अवचेतन मन इसी वर्तमान के दृश्य को स्वीकार करेगा और वैसी ही ऊर्जा निर्मित करना शुरू कर देगा। नकारात्मक भाव कभी न लिखें। मान लीजिए आप चाहते हैं कि आपका क्रोध समाप्त हो जाए तो आप अगर यूं लिखेंगे कि अब मुझे क्रोध नहीं आता, तो आप क्रोध को ही दोहरा रहे हैं। तब इसके विपरीत शांत व्यवहार, निष्प्रतिक्रिया का भाव तो आप पैदा ही नहीं कर रहे है। जब आप क्रोध कहेंगे तो क्रोध को ही कल्पना में लाएंगे। शांत व्यवहार या समताभाव को कल्पना में लाएंगे तो अवचेतन मन में शांत भाव की कल्पना न जाने से शांतभाव आप में आएगा ही नहीं।
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अमेरिका में एक आदमी के पास 4000 से ज्यादा हथियार

वाशिंगटन। अमेरिका में गन लॉबी और राजनीतिक दलों के समर्थन के चलते लोगों को हथियार खरीदने की कितनी स्वतंत्रता है, इसे इसी तथ्य से जाना जा सकता है कि इस कॉलोराडो स्प्रिंग्स कम्पाउंड में रहने वाले मेल बर्नस्टीन के पास चार हजार से अधिक हथियार हैं। 
इस 71 वर्षीय व्यक्ति का दावा है कि अमेरिकी इतिहास में भयानक सामूहिक गोलीबारी की घटनाओं के बावजूद वह पिछले आठ माह में जितनी गन्स बेची गईं, उनसे अधिक तो वह मात्र तीन हफ्ते में ही बेच चुका है। विदित हो कि इस दौरान सदरलैंड, टैक्सास, लास वेगास और कोलम्बाइन हाई स्कूल में बड़े पैमाने पर सामूहिक गोलीबारी हो चुकी है जिनमें सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। 
उनकी हथियारों की दुकान, ड्रैगन्समैन्स, में पिछले तीन सप्ताह में वे इतने हथियार बेच चुके हैं जितने कि उन्होंने पिछले आठ माह में भी नहीं बेचे है। इससे समझा जाता है कि अमेरिका में कितने बड़े पैमाने पर हथियारों की बिक्री होती है। 
उल्लेखनीय है कि बर्न्सस्टीन उस तरह की बंदूकें बेचते हैं जिनका उपयोग सदरलैंड टेक्सास, लास वेगास और कोलम्बाइन हाई स्कूल की सामूहिक गोलीबारी में किया गया। डेलीमेल डॉट कॉम के लिए मॉली काहिलाने लिखती हैं कि मेल को तब सबसे ज्यादा हथियारों वाला आदमी जाना गया जबकि उसके पास हजारों की संख्या में हाई पॉवर्ड वेपन्स, बाजूकाज (टेंकरोधी गोले दागने वाली लंबी बंदूक) और मशीन गन्स होने का पता लगा। उसकी दुकान में ड्रैगनलैंड में एक गन शॉप, छह शूटिंग रैंजेस, म‍िलिटरी म्यूजियम, मोटोक्रॉस पार्क और उनका घर है।  
एबीसी से बात करते हुए उसने कहा कि ' वे (गन्स) 185 डॉलर प्रति नग थी लेकिन अक्टूबर 1 के हमले के बाद हमने सारी बंदूकें बेच दी थीं।' विदित हो कि देश में 26 करोड़ 50 लाख गन्स मौजूद हैं और अनुमान है कि अमेरिका में प्रत्येक व्यक्ति के पास औसतन 17 बंदूकें होती हैं। अल्कोहल, टोबैको, फायरआर्म्स और विस्फोटकों का हिसाब रखने वाले फेडरल ब्यूरो का कहना है कि वे इस तथ्य की पुष्टि करने की हालत में नहीं हैं। बर्नस्टीन की पत्नी, टेरी फ्लेनल, की प्रॉपटी पर ही उस समय मौत हो गई थी जबकि न्यू डिस्कवरी चैनल के एक प्रमोशनल फिल्म बनाई जा रही थी। 
इस फिल्मिंग के दौरान जब दो स्मोक बम फेंके गए थे तो वे इनकी चपेट में आ गई थीं और गोलों की मार से उनकी मौत हुई थी जोकि प्रति घंटा 150 मील की गति से फैंके गए थे। मेल अपने घर में महिलाओं के कई पुतले रखते हैं। उनसे जब पूछा गया कि वे ऐसा क्यों करते हैं तो उनका उत्तर था कि 'मैं भी इंसान हूं और अपने सुख-दुख की बात साझा करना चाहता हूं।' इसलिए वे अपना हाले दिल सुनाने के लिए इन पुतलों का सहारा लेते हैं।  

कौन सा पर्वत भारत का सबसे प्राचीन पर्वत हैं ?


भारत में प्रमुख रूप से आरावली, हिमालय, नीलगिरी, मैकाल, सहयाद्रि, सतपुड़ा, धौलागिरि, कृष्णागिरि, सागरमाथा, विन्ध्याचल, गिरनार, शेवराय, पालनी, खासी, पटकोर्ड, अराकानयोमा, शिवालिक, हिंदकुश आदि कई पर्वत श्रृंखलाएं हैं। उक्त पर्वत श्रृंखलाओं में कई छोटी और बड़ी पहाड़ियां और पहाड़ हैं
उक्त सभी में से सबसे प्राचीन या पुरानी पर्वत श्रृंखला कौन-सी है यह अभी भी शोध का विषय हैं, लेकिन वर्तमान अनुसार सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखलाएं राजस्थान में हैं जबकि हिमालय को सबसे नवीनतम पर्वत श्रृंखला माना जाता है जिसके अतंर्गत कई ऊंची-ऊंची पहाड़ियां आती है।
अरावली भारत के पश्चिमी भाग राजस्थान में स्थित एक पर्वतमाला है। भारत की भौगोलिक संरचना में अरावली प्राचीनतम पर्वत है। यह भी कहा जाता है कि यह संसार की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला है, जो राजस्थान को उत्तर से दक्षिण दो भागों में बांटती है। अरावली का सर्वोच्च पर्वत शिखर सिरोही जिले में गुरुशिखर (1727 मी.) है, जो माउंट आबू में है। अरावली पर्वत श्रृंखला की कुल लंबाई गुजरात से दिल्ली तक 692 किलीमीटर है। वर्तमान में यह पर्वत श्रृंखला विकास के नाम पर अपना अस्तित्व खो रही है।
अरावली की पर्वत श्रृंखलाएं :यह पर्वत प्राचीन भारत के सप्तकुल पर्वतों में से एक है। इसे भी हिन्दूकुश पर्वत की तरह पारियात्र या पारिजात पर्वत कहा जाता है। वह इसलिए कि यहां पर पारिजात वृक्ष पाया जाता है। भारत की भौगोलिक संरचना में अरावली प्राचीनतम पर्वत है। भू-शास्त्र के अनुसार भारत का सबसे प्राचीन पर्वत अरावली का पर्वत है। माना जाता है कि यहीं पर श्रीकृष्ण ने वैकुंठ नगरी बसाई थी। राजस्थान में यह पहाड़ नैऋत्य दिशा से चलता हुआ ईशान दिशा में करीब दिल्ली तक पहुंचा है। अरावली या 'अर्वली' उत्तर भारतीय पर्वतमाला है। राजस्थान राज्य के पूर्वोत्तर क्षेत्र से गुजरती 560 किलोमीटर लंबी इस पर्वतमाला की कुछ चट्टानी पहाड़ियां दिल्ली के दक्षिण हिस्से तक चली गई हैं।
अगर गुजरात के किनारे अर्बुद या माउंट आबू का पहाड़ उसका एक सिरा है तो दिल्ली के पास की छोटी-छोटी पहाड़ियां धीरज (The Ridge) दूसरा सिरा। आबू के पहाड़ का सबसे ऊंचा शिखर सिरोही जिले में गुरुशिखर 1727 मी. से भी अधिक ऊंचा है जबकि धीरज टेकरियों की ऊंचाई 50 फुट की ही होगी। राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, पंजाब आदि राज्यों में इस पर्वत की श्रृंखलाएं फैली हुई हैं। ऋग्वेद में अर्बुद नामक असुर का जिक्र आता है।
नष्ट कर रहे हैं अरावली को :अरावली पर्वत श्रृंखला कई प्राकृतिक और खनिज संपदाओं से लबरेज है। यह पर्वत श्रेणी क्वार्ट्ज चट्टानों से निर्मित है। इनमें सीसा, तांबा, जस्ता आदि खनिज पाए जाते हैं। यहां की अधिकतर चट्टानें देशभर में लोगों के घर का फर्श बनकर नष्ट हो गई हैं। 
सिंधु को लांघकर मध्यप्रदेश की ओर जाते यह पहाड़ और उसकी अनेक शाखाएं आड़ी आती हैं इसलिए इसका 'आडावली' नाम पड़ा होगा। आडावली के पहाड़ बड़े हों या छोटे, वनस्पति-सृष्टि को आज भी प्रश्रय देते हैं और उन जंगलों में शेर, चीता आदि वन्य पशुओं को भी प्रश्रय मिलता है और यहां कई पहाड़ी वन्य जातियां भी उसके आश्रय से कृतार्थ होकर लोकगीतों में अपनी कृतज्ञता व्यक्त करती हैं। इस पर्वतमाला में केवल दक्षिणी क्षेत्र में सघन वन हैं अन्यथा अधिकांश क्षेत्रों में यह विरल, रेतीली एवं पथरीली है।
नदियां : अरावली परिसर में जन्म लेने वाली नदियों की संख्या भी कम नहीं है। वेदस्मृति (बनास), वेदवती (बेरछ), वृत्रघ्नी (उतंगन), सिंधु (काली सिंध), वेण्या या वर्णाशा नंदिनी अथवा चंदना (साबरमती), सदानीरा या सतीरापारा (पार्वती), चर्मण्वती या धन्वती (चंबल), तूपी या रूपा या सूर्य (गंभीर), विदिशा या विदुषा (बेस), वेत्रवती या वेणुमती (बेतवा), शिप्रा या अवर्णी या अवंती।
प्रमुख चोटियां हैं-
* सेर- 1597 मीटर
* अचलगढ़- 1380 मीटर
* देलवाड़ा- 1442 मीटर
* आबू- 1295 मीटर
* ऋषिकेश- 1017 मीटर
सबसे प्राचीन मेरू पर्वत :
हालांकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मेरू पर्वत दुनिया का सबसे प्राचीन और ऊंचा पर्वत है। इसे सुमेरू भी कहा जाता है। जम्बू द्वीप के आसपास 6 द्वीप थे- प्लक्ष, शाल्मली, कुश, क्रौंच, शाक एवं पुष्कर। जम्बू द्वीप धरती के मध्य में स्थित है और इसके मध्य में इलावृत नामक देश है। आज के कजाकिस्तान, रूस, मंगोलिया और चीन के मध्य के स्थान को इलावृत कहते हैं। इस इलावृत के मध्य में स्थित है सुमेरू पर्वत।
इलावृत के दक्षिण में कैलाश पर्वत के पास भारतवर्ष, पश्चिम में केतुमाल (ईरान के तेहरान से रूस के मॉस्को तक), पूर्व में हरिवर्ष (जावा से चीन तक का क्षेत्र) और भद्राश्चवर्ष (रूस), उत्तर में रम्यकवर्ष (रूस), हिरण्यमयवर्ष (रूस) और उत्तकुरुवर्ष (रूस) नामक देश हैं। मिस्र, सऊदी अरब, ईरान, इराक, इसराइल, कजाकिस्तान, रूस, मंगोलिया, चीन, बर्मा, इंडोनेशिया, मलेशिया, जावा, सुमात्रा, हिन्दुस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान का संपूर्ण क्षेत्र जम्बू द्वीप था।

भगवान श्री राम की जन्म की कहानी


रामायण और रामचरित मानस हमारे पवित्र ग्रंथ हैं। तुलसीदास जी ने श्री राम को ईश्वर मान कर रामचरितमानस की रचना की है किन्तु आदिकवि वाल्मीकि ने अपने रामायण में श्री राम को मनुष्य ही माना है। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस को राम के राज्यभिषेक के बाद समाप्त कर दिया है वहीं आदिकवि श्री वाल्मीकि ने अपने रामायण में कथा को आगे श्री राम के महाप्रयाण तक वर्णित किया है।
महाराजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति हेतु यज्ञ आरंभ करने की ठानी। महाराज की आज्ञानुसार श्यामकर्ण घोड़ा चतुरंगिनी सेना के साथ छुड़वा दिया गया। महाराज दशरथ ने समस्त मनस्वी, तपस्वी, विद्वान ऋषि-मुनियों तथा वेदविज्ञ प्रकाण्ड पण्डितों को यज्ञ सम्पन्न कराने के लिये बुलावा भेज दिया। निश्‍चित समय आने पर समस्त अभ्यागतों के साथ महाराज दशरथ अपने गुरु वशिष्ठ जी तथा अपने परम मित्र अंग देश के अधिपति लोभपाद के जामाता ऋंग ऋषि को लेकर यज्ञ मण्डप में पधारे। इस प्रकार महान यज्ञ का विधिवत शुभारंभ किया गया। सम्पूर्ण वातावरण वेदों की ऋचाओं के उच्च स्वर में पाठ से गूंजने तथा समिधा की सुगन्ध से महकने लगा।

समस्त पण्डितों, ब्राह्मणों, ऋषियों आदि को यथोचित धन-धान्य, गौ आदि भेंट कर के सादर विदा करने के साथ यज्ञ की समाप्ति हुई। राजा दशरथ ने यज्ञ के प्रसाद चरा(खीर) को अपने महल में ले जाकर अपनी तीनों रानियों में वितरित कर दिया। प्रसाद ग्रहण करने के परिणामस्वरूप तीनों रानियों ने गर्भधारण किया।
जब चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र में सूर्य, मंगल शनि, वृहस्पति तथा शुक्र अपने-अपने उच्च स्थानों में विराजमान थे, कर्क लग्न का उदय होते ही महाराज दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या के गर्भ से एक शिशु का जन्म हुआ जो कि नील वर्ण, चुंबकीय आकर्षण वाले, अत्यन्त तेजोमय, परम कान्तिवान तथा अत्यंत सुंदर था। उस शिशु को देखने वाले देखते रह जाते थे। इसके पश्चात् शुभ नक्षत्रों और शुभ घड़ी में महारानी कैकेयी के एक तथा तीसरी रानी सुमित्रा के दो तेजस्वी पुत्रों का जन्म हुआ।
सम्पूर्ण राज्य में आनन्द मनाया जाने लगा। महाराज के चार पुत्रों के जन्म के उल्लास में गन्धर्व गान करने लगे और अप्सराएं नृत्य करने लगीं। देवता अपने विमानों में बैठ कर पुष्प वर्षा करने लगे। महाराज ने उन्मुक्त हस्त से राजद्वार पर आए भाट, चारण तथा आशीर्वाद देने वाले ब्राह्मणों और याचकों को दान दक्षिणा दी। पुरस्कार में प्रजा-जनों को धन-धान्य तथा दरबारियों को रत्न, आभूषण प्रदान किए गए। चारों पुत्रों का नामकरण संस्कार महर्षि वशिष्ठ के द्वारा किया गया तथा उनके नाम रामचन्द्र, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न रखे गए।

आयु बढ़ने के साथ ही साथ रामचन्द्र गुणों में भी अपने भाइयों से आगे बढ़ने तथा प्रजा में अत्यंत लोकप्रिय होने लगे। उनमें अत्यन्त विलक्षण प्रतिभा थी जिसके परिणामस्वरू अल्प काल में ही वे समस्त विषयों में पारंगत हो गए। उन्हें सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्रों को चलाने तथा हाथी, घोड़े एवं सभी प्रकार के वाहनों की सवारी में उन्हें असाधारण निपुणता प्राप्त हो गई। वे निरन्तर माता-पिता और गुरुजनों की सेवा में लगे रहते थे।

उनका अनुसरण शेष तीन भाई भी करते थे। गुरुजनों के प्रति जितनी श्रद्धा भक्ति इन चारों भाइयों में थी उतना ही उनमें परस्पर प्रेम और सौहार्द भी था। महाराज दशरथ का हृदय अपने चारों पुत्रों को देख कर गर्व और आनन्द से भर उठता था।

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बनाएं अधिक सुरक्षित अपने स्मार्टफोन को 5 आसान स्टेप्स में    एंड्रॉयड और आईओएस फोन्स को रखें वायरस और हैकिंग से सुरक्षित कंप्यूटर की...