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Friday 6 April 2018

बनाएं अधिक सुरक्षित अपने स्मार्टफोन को 5 आसान स्टेप्स में

बनाएं अधिक सुरक्षित अपने स्मार्टफोन को 5 आसान स्टेप्स में
  

एंड्रॉयड और आईओएस फोन्स को रखें वायरस और हैकिंग से सुरक्षित

कंप्यूटर की ही तरह स्मार्टफोन में भी सुरक्षा से सम्बंधित कई परेशानियां आती हैं। अब तक एंड्रॉयड पर वायरस के कई हमले भी हो चुके हैं। ऐसा माना जाता है की एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स के मुकाबले एप्पल का आईओएस कहीं अधिक सुरक्षित है। लेकिन हर स्मार्टफोन में यह खतरा होता ही है। पिछले साल सितम्बर में आई सोफोस लैब की एक रिपोर्ट के अनुसार एंड्रॉयड प्लेटफार्म पर 30 प्रतिशत से ज्यादा रैनसमवेयर पाए गए। इसी के साथ 10 मिलियन एंड्रॉयड एप्स को सस्पीशियस की कैटेगरी में डाला गया।
अब, जब मोबाइल मालवेयर बढ़ रहे हैं, यूजर्स को यह सुनिश्चित करना जरुरी है की उनका फोन सुरक्षित हो।


मोबाइल को बनाना है अधिक सिक्योर तो अपनाएं ये 5 आसान टिप्स 

फोन को रखें लॉक : फोन लॉक लगाने से सिर्फ डिवाइस सुरक्षित नहीं रहती बल्कि इससे दूसरे लोग आपके फोन के जरुरी डाटा को एक्सेस भी नहीं कर पाते। कुछ सालों पहले डिवाइस को लॉक करना थोड़ा मुश्किल या लम्बा काम लगता था। लेकिन अब फिंगरप्रिंट सेंसर और फेस अनलॉक जैसी टेक्नोलॉजीज के चलते फोन को सुरक्षित रखना और भी आसान हो गया है। इसी के साथ फोन के रीस्टार्ट होने पर भी पहले पिन लॉक जरुर डाल के रखें।

ऑपरेटिंग सस्टम को रखें अपडेट : एंड्रॉयड यूजर्स में ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट ना रखने की आदत है। एंड्रॉयड का सबसे आम ऑपरेटिंग सिस्टम नॉगट 7 का फरवरी 2018 तक मात्र 28.5 फीसद मार्किट शेयर रहा है। एप्पल यूजर्स के मामले में यह परिस्थिति थोड़ी बेहतर है। आईओएस के लेटेस्ट वर्जन 11.2 का मार्किट शेयर 70 फीसद है।
कई एंड्रॉयड यूजर्स को उनके हैंडसेट पर लेटेस्ट अपडेट्स ना मिलने की भी शिकायत रहती है। इससे यूजर्स के फोन्स आसानी से वायरस की चपेट में आ सकते हैं। इस स्थिति में अगर आपके मोबाइल पर लम्बे समय से अपडेट नहीं आ रहे हैं तो या तो आप कस्टमर केयर सेंटर जा के इसका कुछ निवारण निकालें या अपना हैंडसेट बदलने की योजना बनाएं। इसी के साथ नया स्मार्टफोन खरीदते समय ऐसा हैंडसेट खरीदें जिस पर अपडेट्स मिलती हों।

असुरक्षित ब्रैंड्स के फोन लेने से बचें : कुछ फोन्स समय-समय पर अपडेट्स मिलने के लिए मशहूर होते हैं। इनमें गूगल पिक्सल, एप्पल आईफोन आदि सम्मिलित हैं। बजट स्मार्टफोन्स में भी कई विकल्प मौजूद हैं। कुछ ऐसी कंपनियां भी हैं जिन्हें डाटा सुरक्षा के मामले में सही नहीं माना जाता। ऐसे ब्रैंड्स के स्मार्टफोन लेने से बचें।


एन्क्रिप्शन : अपनी फोन स्टोरेज को एन्क्रिप्ट कर के रखें। आपके स्मार्टफोन में ईमेल, कांटैक्ट्स, फाइनेंशियल एप्स आदि जरुरी डाटा होता है। अगर आपका फोन गुम जाए या चोरी हो जाए तो आप नहीं चाहेंगे की आपकी जरुरी जानकारी किसी गलत हाथ में पड़े। इसलिए अपने फोन की स्टोरेज को एन्क्रिप्ट कर के रखें। इससे अगर किसी और के हाथों में आपका फोन जाता भी है तो आपका डाटा सुरक्षित रहेगा।

वायरस के लिए करें स्कैन : मोबाइल डिवाइसेज में आजकल आसानी से वायरस आ जाते हैं ।इससे बचने के लिए समय-समय पर अपने फोन को स्कैन करते रहें। गूगल प्ले में भी काई बार एप्स में वायरस आया है। इससे बचने के लिए किसी भी एप को किसी भी सोर्स से डाउनलोड करने से पहले स्कैन कर लें।

फोन को जेलब्रेक ना करें: आईफोन यूजर्स अक्सर अपनी डिवाइसेज को जेलब्रेक करते हैं। ऐसा करने से डिवाइसेज सुरक्षित नहीं रहती। इसी तरह, एंड्रॉयड यूजर्स अपने फोन को रुट करते हैं। इन दोनों ही प्रक्रियाओं में यूजर का फोन सुरक्षित नहीं रहता इसलिए ऐसा करने से बचें।

पेट में हो गड़बड़ी तो अदरक और सौंफ करेंगे मदद बड़ी

पेट में हो गड़बड़ी तो अदरक और सौंफ करेंगे मदद बड़ी
  
मौसम में गर्मी बढ़ने के साथ ही पेट से जुड़ी समस्‍याएं आम हो जाती हैं। अगर पेट को स्‍वस्‍थ रखना है तो इन घरेलू टिप्‍स की मदद ली जा सकती है 
पेट की समस्‍याओं में घरेलू नुस्‍खे काम आ सकते हैं।

 बाहर का खाना और फास्टफूड आजकल की जीवनशैली में शामिल हो चुके हैं, जो हमारे शरीर की पाचन क्रिया पर बुरा प्रभाव डालते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कम मात्रा में ही सौंफ, अदरक, दही और पपीता आदि खाने से पाचन तंत्र को स्वस्थ रखा जा सकता है। वैसे मौसम में गर्मी आने के साथ ही पेट से जुड़ी दिक्‍कतें बढ़ती जाती हैं। 

पेट दुरुस्‍त तरीके से अपना काम करे, इसके लिए जरूरी है क‍ि खाने पीने की आदतें सही रखी जाएं। हल्‍का खाना खाया जाए और साथ ही तेज मिर्च और ज्‍यादा मसालों के प्रयोग से भी बचा जाए। पीने का पानी अगर साफ न हो तो भी पेट से जुड़ी समस्‍याएं सामने आती हैं। इसलिए जहां तक हो सके पानी को उबालकर या फ‍िल्‍टर करके प‍िया जाए। 


यहां जानें पेट की गड़बड़ी दूर करने के आसान घरेलू नुस्‍खे - 
  • अदरक का सेवन पेट को दुरुस्‍त रखता है जिससे पाचन क्रिया में मदद मिलती है। अदरक खाने से सूजन और सीने में जलन नहीं होती। खाना खाने के बाद अदरक और  नीबू की कुछ बूदों के मिश्रण  का एक घूंट आपको कई परेशानियों से दूर रख सकता है।
  • सौंफ में मौजूद तत्व पेट की गैस कम करने और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करते हैं। इसे चबाने से या चाय में डालकर लेने से पाचन क्रिया सक्रिय होती है, जिससे सीने में जलन, पेट और आंत  की समस्याओं का निदान हो जाता है।
  • जीरा का सेवन करने से आग्नाशय के विभिन्न तत्वों का स्राव होने लगता है। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं। आप इसे भून कर दूध, दही, शिकंजी, सलाद या सूप में पीसकर भी ले सकते हैं।
  • प्रोबायोटिक ऐसे सूक्ष्म जीव होते हैं, जो कई बीमारियों को दूर करते हैं। इनका सेवन करने से पाचन तंत्र और प्रतिरोधी तंत्र मजबूत होता है। इन्हें लेने से मूत्राशय संक्रमण, त्वचा संबंधी रोग और सर्दी में  का निदान होता है। हम लोग इन्हें दही, केफिर (दूध उत्पाद) और कोम्बुच (एक तरह की ब्लैक टी) के रूप में ले सकते हैं।


  • दूध से बने ज्यादातर उत्पादों के साथ पाचन संबंधी समस्या होने के बावजूद सामान्य दही इसके ठीक विपरीत प्रभाव डालता है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक पेट के विकार दूर करने में सहायक होता है। इससे पाचन और गैस संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है।
  • दलिया घुलनशील और अघुलनशील फाइबर्स का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। पोषक तत्वों से भरपूर दलिया को आटा बनाने की प्रक्रिया में हटा दिया जाता है, जिससे स्वस्थ पाचन क्रियाओं के लिए जरूरी विटामिन, पोषक तत्व और फाइबर अलग हो जाते हैं। दलिया से भी पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में सहायता मिलती है।
  • पपीते की गिनती डायरिया और पेट की अन्य समस्याओं का इलाज करने वाले फलों में होती है। इसे खाने से पाचन, खट्टी डकार और कब्ज में आराम मिलता है। इसका सेवन करने से पेट के विकार दूर होते हैं।
  • केला एक ऐसा फल है, जो जल्दी पच जाता है और तत्काल ऊर्जा प्रदान करता है। पपीते की तरह इसमें भी पेक्टि‍न होता है, जिससे पेट के विकार दूर होते हैं।

पेट में कीड़े होने का कारण लक्षण और उपचार

पेट में कीड़े होने का कारण लक्षण और उपचार
  
पेट के कीड़े मारने के उपाय: कीड़े कई प्रकार के होते है कुछ प्रत्यक्ष होते है तो कुछ अप्रत्यक्ष होते है| जो कीड़े मौसम के अनुसार होते है और हमें दिखाई देते है| प्रत्यक्ष कीड़े होते है और कुछ ऐसे सूक्ष्म जीव होते है जो इतने छोटे होते है| कि इन्हें बिना सूक्ष्मदर्शी के नहीं देखा जा सकता| ऐसे ही होते है शरीर में पड़ने वाले कीड़े या शरीर के अन्दर रहने वाले कीड़े शरीर के भीतर कई प्रकार के कीड़े होते है| उनका रंग आकार सब अलग होता है और ये शारीर के अन्दर बिना किसी कारण के प्रवेश नहीं कर सकते लेकिन इनके प्रवेश करने के कई कारण हो जाते है|

शरीर के अन्दर कीड़े के प्रवेश के कारण

जिन पर हम ध्यान नहीं देते है जैसे- छोटे बच्चों द्वारा घर में या इधर-उधर पड़ी चीजों को खा लेने से, मिट्टीद्वारा, दूषित पानी पीने से, घाव में सड़न होने से, घाव या चोट का मक्खियों या अन्य दूषित वस्तुयों के संपर्क में आने से, दूषित वातावरण में रहने या जाने से आदि| (पेट के कीड़े मारने के उपाय) जो लोग स्वास्थ्य के नियमों, शुद्ध पानी और शुद्ध पेय का सेवन नहीं करते हैं वह लोग पेट के कीड़ों से ज्यादा पीड़ित होते हैं ये मल, कफ, रक्त (खून) के साथ शरीर के बाहर निकल जाते हैं छोटे कृमि (कीड़ों) को ‘चुनने’ और बडे़ कृमि (कीड़े) को ‘पटेरे’ कहते हैं|

पेट में होने वाले कीड़ों के अनेक कारण पाये जाते हैं। जैसे- गलत खान-पान, गंदे हाथों से खाना, अजीर्ण (भूख का न लगना) में खाना खाने, मक्खियों द्वारा दूषित आहार, दूध, खट्ठी-मीठी वस्तुएं अधिक खाने, मैदा खाने से, पीसे हुए अन्न, कढ़ी, रायता, गुड़, उड़द, सिरका, कांजी,दही और संयोग विरुद्ध पदार्थों के खाने, परिश्रम न करना और दिन में सोना आदि कारणों से पेट में कीड़े पैदा हो जाते हैं|

पेट में कीड़े होने के लक्षण

पेट दर्द होना
स्वम् का वजन कम होना
आँखे लाल होना
जीभ का सफ़ेद होना
मुंह से बदबू आना
गले में धब्बे पड़ना
शरीर पर सूजन आना
गुप्तांग में खुजली होना
जी मचलना और उलटी आना
मल त्याग करते समय खून आना
दस्त लगना
अगर कोई बच्चा रात को सोते समय दांतों को वाजता है तो उसके पेट में कीड़े होते है|


पेट के कीड़े मारने के उपाय

पेट के कीड़ो की दवाई बनाने की आवश्यक सामग्री
1. 50 ग्राम अनार की जड़ की छाल
2. 250 मिलीलीटर पानी
3. 5 ग्राम पलास बीज का चूर्ण
4. 10 ग्राम बायविडंग
दवा बनाने की विधि
अनार के पेड़ की पहले छाल को ले ले और उसका 50 ग्राम भाग लेके उसके छोटे छोटे टुकड़े कर लें|
और 5 ग्राम पलास बीज का चूर्ण और बायविडंग 10 ग्राम को एक लीटर पानी में उबालें|
जब आधा पानी शेष तह जाये तब तक इसे उबलने दें|
उसके बाद उतार कर नीचे रखे और ठंडा होने दें|
ठंडा होने पर इसे छान ले|
फिर इस जल को 4 दिन तक आधे आधे घंटे में 50 ग्राम मात्रा में पिलाये|
इसके बाद एरण्ड तेल का जुलाब दे दें|
इससे पेट के सभी रोग नष्ट हो जाते है और पेट में पड़ने वाले कीड़ो का भी खात्मा हो जाता है|


आनर से छिलके को निकल ले|
फिर इन्हें सुखा लें|
अनार के सूखे छिलकों का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार नियमित रूप से कुछ दिनों तक सेवन करें|
इससे पेट के कीड़े नष्ट हो जाते है|
यही प्रयोग खूनी दस्त, खूनी बवासीर, स्वप्नदोष, अत्यधिक मासिकस्राव में भी लाभकारी होता है|

पेट के कीड़े मारने की आयुर्वेदिक दवा

बायबिडंग, सेंधा नमक, हरड़, निशोथ, पीपल, सेचर नमक और भुनी हुई हींग। इन सातों चीजों को बराबर-बराबर की मात्रा में लेकर, पीसकर चूर्ण बना लें| इस चूर्ण में से            दो चुटकी बड़ों के लिए तथा एक चुटकी छोटे बच्चों को, सुबह-शाम गर्म पानी से 10 दिन तक दें|
बायविडंग का चूर्ण 5 माशे, 1 तोला शहद में मिलाकर चाटें|
इन्द्रायण की जड़ को पानी में चंदन की तरह घिसकर गुदा के बाहर तथा भीतर लगाएं|
तेजपात तथा जैतून, दोनों का तेल मिलाकर गुदा में लगाने से कीड़े मर जाते हैं|
कृमिमुदगर रस 1-1 गोली सुबह शाम 10-14 दिन तक लें|
कृमिकालानल रस की भी 1-1 गोली तीन बार 7 दिन तक लें| इससे सभी प्रकार के कृमि मर जाते हैं|
10 ग्राम गुड़ तथा एक माशा खुरासानी अजवाइन, ठंडे पानी से सेवन करें|
एक गिलास बासी पानी (शुद्ध), 6 माशे खुरासानी अजवाइन, 10 ग्राम पुराना गुड़। तीनों एक साथ सेवन करें|
दो चुटकी सत्यानाशी की जड़ का चूर्ण पानी के साथ लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं|
बायबिडंग एक चम्मच तथा सहजन 3 ग्राम। दोनों का काढ़ा बनाकर शहद के साथ सेवन करें|
छिला हुआ कमीला 3 माशे की मात्रा में दही के साथ सेवन करें|

भोजन में क्या नहीं लेना चाहिए

पेट में कीड़े होने पर खाने पर विशेष ध्यान देना होता है क्योकि खाने से ही ये कीड़े होते है और इन्हें ख़त्म करने के लिए आपको खाना का परहेज करना होगा जैसे- बेसन की बनी खाने की वस्तुएं, तिल, जौ, उड़द, मोठ, पत्तेवाली सब्जी, आलू, मूली, अरबी, ककड़ी, खीरा, दही, दूध, अधिक देशी घी, खटाई आदि और भी मांस, मछली, अण्डा, मुल्तानी मिट्टी, मीठी चीजों का सेवन, रात को अधिक देर बाद सोना, दिन में सोना, दिन भर बैठे रहना, बीड़ी-सिगरेट को पीना और तेल की मालिश, सड़ी और बासी वस्तु, नमकीन, अधिक सूखे और लाल मिर्चे आदि का सेवन नहीं करना चाहिए|

भोजन में क्या लेना चाहिए

जिस तरह से पेट में कीड़े होने पर खाने में परहेज करना होता है| उसी प्रकार खाने में क्या खाना चाहिए इस बात का भी ध्यान रखा जाता है| क्योकि खाने से ही दवा का असर होना शुरू होता है खाने में कुछ चीजो का सेवन जरुर करना चाहिए| (पेट के कीड़े मारने के उपाय)
जैसे- केला, सरसों का साग, कांजी, मट्ठा, शहद, हींग, नींबू का रस, पुराने चावल, मूंग, अरहर और मलका की दाल, साबूदाना, बथुआ, करेला,परवल, तोरई, लौकी, अनार, कच्चा आंवला, संतरा, अनन्नास का रस, अदरक की चटनी, सेब, राई, मुनक्का, अजवाइन का रस, हींग, जीरा, धनिया, कड़वे चटपटे और कफनाशक पदार्थ का प्रयोग रोगी को खाने में करना

टेंशन और वजन कम करता है राजमा-चावल

टेंशन और वजन कम करता है राजमा-चावल
  
वेजिटेरियन हो या नॉन वेज ज्यादातर भारतीयों की फेवरेट डिश में राजमा-चावल का नाम जरूर होगा। राजमा के विशेष आकार के चलते इसे ‘किडनी-बींस’ भी कहा जाता है। राजमा प्रोटीन का एक बहुत अच्छा स्रोत है। यही नहीं राजमा वेट लॉस करने में भी मदद करता है। हालांकि राजमा का प्रोटीन काफी नहीं होता, इसलिए इसके लिए इसे कार्बोहाइड्रेट (चावल)  के साथ मिलाकर लेना चाहिए। 

बना रहता है एनर्जी लेवल 

राजमा में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। ये फाइबर पेट को भरा हुआ महसूस कराता है। यही नहीं, इसे खाने से देर तक पेट भरा-भरा सा रहता है। इससे,ओवरईटिंग का खतरा कम होता है। साथ ही ये लो फैट भी होता है। इसे खाकर देर तक शरीर में एनर्जी लेवल बना रहता है। ऐसे में राजमा वेट लॉस में काफी मदद करता है। फाइबर और प्रोटीन के अलावा इसमें काफी एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं। ये इम्यून सिस्टम को बढ़ाते हैं। 


डायबिटीज और हाइपरटेंशन से बचाव

राजमा में कम मात्रा में ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। डाइबिटीज के मरीज़ों द्वारा इसे खाने से ब्लड ग्लूकोज लेवल नहीं बढ़ता। इसके अलावा राजमा में अच्छी क्वालिटी का कार्बोहाइड्रेट और लीन प्रोटीन पाया जाता है। वहीं, इंसुलिन लेवल को रेगुलर करने वाले दो अमिनो एसिड्स आर्जिनाइन और ल्यूसाइन पाए जाते हैं। राजमा पोटाशियम और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है। पोटाशियम और मैग्नीशियम ब्लड वेन्स में घुल जाते हैं जिससे कि ब्लड फ्लो आसान हो जाता है।


कम करे कोलेस्ट्रॉल

राजमा में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है, इसलिए ये कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद सोल्यूबल फाइबर पेट में जाने पर जेल बन जाता है जो कोल्स्ट्रॉल को बाइंड कर लेता है।  इससे सिस्टम में उसके अवशोषण को रोकता है। जिससे कि ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो जाता है। इसके अलावा ऐसा माना जाता है कि राजमा के एंटीऑक्सीडेंट्स में एंटी-एजिंग तत्व भी पाए जाते हैं।

गर्मी के मौसम में फायदेमन्द है ये

गर्मी के मौसम में फायदेमंद है चीकू
  
चीकू का फल कई तरह के गुणों से भरपूर है, जो आपको रोगों से बचा सकता है।

चीकू खाने के फायदे

आलू की तरह दिखने वाला चीकू गुणों की खान हैं। यह खाने में मीठा और बहुत ही टेस्टी लगता हैं. क्या आपको चीकू खाने के फायदे के बारे में पता हैं? अगर नहीं पता हैं तो यह लेख जरूर पढ़े। जानते हैं चीकू खाने से सेहत को क्या लाभ होते हैं? 

उमस के मौसम में शरीर का पानी पसीने के रूप में बड़ी तेजी के साथ निकलता है। शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाए रखना बेहद जरूरी है। कुछ ठंडा और मीठा पीने की इच्छा लगातार बनी रहती है। साथ ही पेय ऐसा हो जो शरीर को एनर्जी देने के अलावा पौष्टिक भी हो तो क्या कहने। 

चीकू में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो कि एक रेचक प्रभाव रखता है। चीकू खाने से आपके कब्ज की शिकायत दूर हो जाएगी और आपका डाइजेशन सिस्टम भी बढ़िया हो जाएगा। इसके लिए आप इसके ऊपर थोड़ा नमक डाल कर ले। इससे आपको कब्ज दूर करने में मदद मिलेगी और इसके साथ-साथ यह आपके वजन और मोटापे को कम करने में भी मदद करेगा।


चीकू Colon Cancer, Oral Cavity और Lung Cancer जैसी बीमारी से बचाने में मदद करता है। 
चीकू में मौजूद फाइबर हमारे मेंब्रेन को कैंसर जैसी बीमारियों से दूर रखता है।

चीकू में विटामिन मिनरल्स और शुगर जैसे सुक्रोज और फ्रुक्टोज जैसे चीजें होती है। जो कि हमें एनर्जी देने का काम करती है और हमारे बॉडी को फ्री रेडिकल्स जैसी चीजों से बचाती है। इसमें विटामिन A भरपूर मात्रा में होता है जो हमारे आंखों के और त्वचा के हेल्थ के लिए बहुत ही बढ़िया है।

चीकू में टैनिंग होता है जोकि दवाई की तरह काम करता है और यह बवासीर के लिए बहुत ही अच्छा फल है।


यह Inflammation दूर करने में भी मदद करता है। इसके लिए आप चीकू के पत्तों को पानी में गर्म करके उसके बाद पत्तों को निकाल दें और इस पानी को पिए और इस से गरारे भी करें।

चीकू में Haemostatic क्वालिटी होती है जो बवासीर की वजह से होने वाले खून की कमी और इंजरी से होने वाली खून की कमी को दूर करता है।
मीठा खाने व ब्रश ना करने की वजह से दांतों में कैविटी हो जाती है एैसे में आप चीकू का छिलका उतार कर खाएं। क्योंकि इसमें लेक्टस होता है जो इस समस्या का उपचार करता है।

चेहरे की सुंदरता के लिए आप यदि चीकू को खाते हो तो इससे चेहरे की गंदगी तो दूर होगी ही। साथ ही आपके चेहरे पर निखार भी आता है। चेहरे के लिए बहुत ही लाभदायक है ये फल।

चेहरे पर यदि झाइयां पड़ गई हों तो इससे उम्र अधिक लगने लगती है। चीकू खाने वाले लोग जल्दी झुर्रियों का शिकार नहीं होते है। क्योंकि ये फल हमारे चेहरे की त्वचा को टाइट बनाकर कर रखता है।

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