पेट में कीड़े होने का कारण लक्षण और उपचार
पेट के कीड़े मारने के उपाय: कीड़े कई प्रकार के होते है कुछ प्रत्यक्ष होते है तो कुछ अप्रत्यक्ष होते है| जो कीड़े मौसम के अनुसार होते है और हमें दिखाई देते है| प्रत्यक्ष कीड़े होते है और कुछ ऐसे सूक्ष्म जीव होते है जो इतने छोटे होते है| कि इन्हें बिना सूक्ष्मदर्शी के नहीं देखा जा सकता| ऐसे ही होते है शरीर में पड़ने वाले कीड़े या शरीर के अन्दर रहने वाले कीड़े शरीर के भीतर कई प्रकार के कीड़े होते है| उनका रंग आकार सब अलग होता है और ये शारीर के अन्दर बिना किसी कारण के प्रवेश नहीं कर सकते लेकिन इनके प्रवेश करने के कई कारण हो जाते है|
शरीर के अन्दर कीड़े के प्रवेश के कारण
जिन पर हम ध्यान नहीं देते है जैसे- छोटे बच्चों द्वारा घर में या इधर-उधर पड़ी चीजों को खा लेने से, मिट्टीद्वारा, दूषित पानी पीने से, घाव में सड़न होने से, घाव या चोट का मक्खियों या अन्य दूषित वस्तुयों के संपर्क में आने से, दूषित वातावरण में रहने या जाने से आदि| (पेट के कीड़े मारने के उपाय) जो लोग स्वास्थ्य के नियमों, शुद्ध पानी और शुद्ध पेय का सेवन नहीं करते हैं वह लोग पेट के कीड़ों से ज्यादा पीड़ित होते हैं ये मल, कफ, रक्त (खून) के साथ शरीर के बाहर निकल जाते हैं छोटे कृमि (कीड़ों) को ‘चुनने’ और बडे़ कृमि (कीड़े) को ‘पटेरे’ कहते हैं|
पेट में होने वाले कीड़ों के अनेक कारण पाये जाते हैं। जैसे- गलत खान-पान, गंदे हाथों से खाना, अजीर्ण (भूख का न लगना) में खाना खाने, मक्खियों द्वारा दूषित आहार, दूध, खट्ठी-मीठी वस्तुएं अधिक खाने, मैदा खाने से, पीसे हुए अन्न, कढ़ी, रायता, गुड़, उड़द, सिरका, कांजी,दही और संयोग विरुद्ध पदार्थों के खाने, परिश्रम न करना और दिन में सोना आदि कारणों से पेट में कीड़े पैदा हो जाते हैं|
पेट में कीड़े होने के लक्षण
• पेट दर्द होना
• स्वम् का वजन कम होना
• आँखे लाल होना
• जीभ का सफ़ेद होना
• मुंह से बदबू आना
• गले में धब्बे पड़ना
• शरीर पर सूजन आना
• गुप्तांग में खुजली होना
• जी मचलना और उलटी आना
• मल त्याग करते समय खून आना
• दस्त लगना
• अगर कोई बच्चा रात को सोते समय दांतों को वाजता है तो उसके पेट में कीड़े होते है|
पेट के कीड़े मारने के उपाय
पेट के कीड़ो की दवाई बनाने की आवश्यक सामग्री
1. 50 ग्राम अनार की जड़ की छाल
2. 250 मिलीलीटर पानी
3. 5 ग्राम पलास बीज का चूर्ण
4. 10 ग्राम बायविडंग
दवा बनाने की विधि
• अनार के पेड़ की पहले छाल को ले ले और उसका 50 ग्राम भाग लेके उसके छोटे छोटे टुकड़े कर लें|
• और 5 ग्राम पलास बीज का चूर्ण और बायविडंग 10 ग्राम को एक लीटर पानी में उबालें|
• जब आधा पानी शेष तह जाये तब तक इसे उबलने दें|
• उसके बाद उतार कर नीचे रखे और ठंडा होने दें|
• ठंडा होने पर इसे छान ले|
• फिर इस जल को 4 दिन तक आधे आधे घंटे में 50 ग्राम मात्रा में पिलाये|
• इसके बाद एरण्ड तेल का जुलाब दे दें|
• इससे पेट के सभी रोग नष्ट हो जाते है और पेट में पड़ने वाले कीड़ो का भी खात्मा हो जाता है|
• आनर से छिलके को निकल ले|
• फिर इन्हें सुखा लें|
• अनार के सूखे छिलकों का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार नियमित रूप से कुछ दिनों तक सेवन करें|
• इससे पेट के कीड़े नष्ट हो जाते है|
• यही प्रयोग खूनी दस्त, खूनी बवासीर, स्वप्नदोष, अत्यधिक मासिकस्राव में भी लाभकारी होता है|
पेट के कीड़े मारने की आयुर्वेदिक दवा
• बायबिडंग, सेंधा नमक, हरड़, निशोथ, पीपल, सेचर नमक और भुनी हुई हींग। इन सातों चीजों को बराबर-बराबर की मात्रा में लेकर, पीसकर चूर्ण बना लें| इस चूर्ण में से दो चुटकी बड़ों के लिए तथा एक चुटकी छोटे बच्चों को, सुबह-शाम गर्म पानी से 10 दिन तक दें|
• बायविडंग का चूर्ण 5 माशे, 1 तोला शहद में मिलाकर चाटें|
• इन्द्रायण की जड़ को पानी में चंदन की तरह घिसकर गुदा के बाहर तथा भीतर लगाएं|
• तेजपात तथा जैतून, दोनों का तेल मिलाकर गुदा में लगाने से कीड़े मर जाते हैं|
• कृमिमुदगर रस 1-1 गोली सुबह शाम 10-14 दिन तक लें|
• कृमिकालानल रस की भी 1-1 गोली तीन बार 7 दिन तक लें| इससे सभी प्रकार के कृमि मर जाते हैं|
• 10 ग्राम गुड़ तथा एक माशा खुरासानी अजवाइन, ठंडे पानी से सेवन करें|
• एक गिलास बासी पानी (शुद्ध), 6 माशे खुरासानी अजवाइन, 10 ग्राम पुराना गुड़। तीनों एक साथ सेवन करें|
• दो चुटकी सत्यानाशी की जड़ का चूर्ण पानी के साथ लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं|
• बायबिडंग एक चम्मच तथा सहजन 3 ग्राम। दोनों का काढ़ा बनाकर शहद के साथ सेवन करें|
• छिला हुआ कमीला 3 माशे की मात्रा में दही के साथ सेवन करें|
भोजन में क्या नहीं लेना चाहिए
पेट में कीड़े होने पर खाने पर विशेष ध्यान देना होता है क्योकि खाने से ही ये कीड़े होते है और इन्हें ख़त्म करने के लिए आपको खाना का परहेज करना होगा जैसे- बेसन की बनी खाने की वस्तुएं, तिल, जौ, उड़द, मोठ, पत्तेवाली सब्जी, आलू, मूली, अरबी, ककड़ी, खीरा, दही, दूध, अधिक देशी घी, खटाई आदि और भी मांस, मछली, अण्डा, मुल्तानी मिट्टी, मीठी चीजों का सेवन, रात को अधिक देर बाद सोना, दिन में सोना, दिन भर बैठे रहना, बीड़ी-सिगरेट को पीना और तेल की मालिश, सड़ी और बासी वस्तु, नमकीन, अधिक सूखे और लाल मिर्चे आदि का सेवन नहीं करना चाहिए|
भोजन में क्या लेना चाहिए
जिस तरह से पेट में कीड़े होने पर खाने में परहेज करना होता है| उसी प्रकार खाने में क्या खाना चाहिए इस बात का भी ध्यान रखा जाता है| क्योकि खाने से ही दवा का असर होना शुरू होता है खाने में कुछ चीजो का सेवन जरुर करना चाहिए| (पेट के कीड़े मारने के उपाय)
जैसे- केला, सरसों का साग, कांजी, मट्ठा, शहद, हींग, नींबू का रस, पुराने चावल, मूंग, अरहर और मलका की दाल, साबूदाना, बथुआ, करेला,परवल, तोरई, लौकी, अनार, कच्चा आंवला, संतरा, अनन्नास का रस, अदरक की चटनी, सेब, राई, मुनक्का, अजवाइन का रस, हींग, जीरा, धनिया, कड़वे चटपटे और कफनाशक पदार्थ का प्रयोग रोगी को खाने में करना
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