हम अक्सर सो कर उठते हैं तो सपने में आई हुईं कई कहानियों के साथ उठते हैं। इनमें से कुछ बहुत अच्छी होती हैं तो कुछ एकदम दुखी या फिर हैरान कर देने वाली।लेकिन ऐसा कभी नहीं होता कि हम सोते हुए ये खुद से तय कर सकें कि हमें कोई सपना कितना देखना हैं या फिर असल में देखना भी है या नहीं। डेली मेल के मुताबिक हम आपको मिलवाना चाहते हैं ऐसे लोगों से जो अपनी नींद में आने वाले सपनों पर पूरा कंट्रोल रखते हैं। इनकी तादाद बढ़ रही है।
ल्यूसिड ड्रीमिंग का कॉन्सेप्ट
आपको बताएं कि यूएस में ऐसे कई लोग हैं जो ये दावा करते हैं कि वो सपनों को उतना ही देखते हैं जितना वो चाहें।यही नहीं, वो सपने में आने वाले कई लोगों से बात-चीत भी कर लेते हैं। साइंस में इसे ल्यूसिड ड्रीमिंग के नाम से जाना जाता है।इस तरह की अजब बीमारी से ग्रसित लोगों को पता रहता है कि वो सपना देख रहें हैं और कई बार सपने में क्या देखना है, वो भी ये तय कर लेते हैं।
क्या वाकई बीमारी?
ऐसे लोग जिनको नींद नहीं आती है या फिर बुरे सपने आना बंद नहीं होते हैं, ऐसे लोगों के लिए आजकल ल्यूसिड ड्रीमिंग से ग्रसित लोग थेरेपिस्ट का काम कर रहें हैं।वो उन्हें एक अच्छी और स्ट्रिक्ट लाइफस्टाइल में लाकर ल्यूसिड ड्रीमर्स बनाते हैं और उन्हें अच्छे और सही सपने देखने पर जोर डालना भी बताते हैं।
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